Description
सांझ जैसे ढलते सूरज की रोशनी हो
और आने वाले चांद का इंतज़ार।
गुजरते दिन की मुस्कुराहट,
सितारों से साजी रात का पैगाम।
बस कुछ ऐसी ही है ये किताब ‘सांझ‘
मेरे द्वारा लिखी कुछ चुनिंदा कविताओं और कुछ ख्यालों का संग्रह ।
सांझ जैसे ढलते सूरज की रोशनी हो
और आने वाले चांद का इंतज़ार।
गुजरते दिन की मुस्कुराहट,
सितारों से साजी रात का पैगाम।
बस कुछ ऐसी ही है ये किताब ‘सांझ‘
मेरे द्वारा लिखी कुछ चुनिंदा कविताओं और कुछ ख्यालों का संग्रह ।
Weight | 0.16 kg |
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